डॉ. रीना गुप्ता
हर हाथ में दीप जले, तब रोशन संसार
आओ इस मिशन में, हों सब भागीदार
"शिक्षा से ही वैचारिक शक्ति आती है जो, एक अनवरत क्रांति है| वैचारिक शक्ति सीमित प्रयोजन न होकर 'मिशन' रूप में स्थापित होना चाहिए| क्योंकि, 'मिशन' में सर्वशिक्षा, सर्वविकास, सर्वचिंतन का मन्थन विद्यमान है| बाजारीकरण, व्यापारीकरण, पूंजीवाद अर्थ सिमेटे शब्द हैं जो, शैक्षिक धरातल को प्रदूषित ही नहीं; बल्कि निर्मित 'ध्येय' से वंचित करते हैं| सार्वभौमिकता ही एक मात्र मन्तर है जो, सम्पूर्ण विश्व को शिक्षा द्वारा नव्य धरातल पर स्थापित करता है और इसी धरातल से निर्मित होती है - ' सार्थक शिक्षा', विराट संभावना, उम्मीदों के पर लगाती हुई; हमें अनंत व्योम को छू लेने के लिए लालायित करती है"
सबको मिले मुकाम
जय-जय राजस्थान